LL.B. का महत्व

संविधान ऐसे लिखित नियमों का संग्रह हैजिसमें सरकार का गठन एवंउसकी शक्तियां तथा राज्य एवं उसके नागरिकों के बीच परस्परसम्बन्धों का उल्लेख होताहै। अर्थात संविधान किसी भी देश कीशासन प्रणाली एवं राज्य के संचालन हेतुबनाया गया दस्तावेज है।

भारतीय स्वाधीनता के पूर्व सेही भारत के राष्ट्रीय नेताओंकी प्रमुख मांग रही कि वयस्क मताधिकारके आधार पर एक संविधानसभा स्थापित की जाये जोभारतीयों के हितों कोदृष्टि में रखते हुए भारत के संविधान कानिर्माण करें। इसी क्रम में सर्वप्रथम 1906 के कांग्रेस केराष्ट्रीय अधिवेशन में स्वराज विधेयक पेश किया गया। सन् 1922 ई0 में महात्मागाँधी जी ने सर्वप्रथमयह मांग की थी भारतका भविष्य भारत की जानता द्वारानिर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा तय किया जानाचाहिए। सन् 1929 ई0 के लाहौरअधिवेशन में पं0 नेहरू जी के नेत्रत्वमें पूर्ण स्वराज की मांग कीगयी थी। सन् 1934 ई0 के कांग्रेसअधिवेशन में भी संविधान कीमांग की गयी थी।

परन्तु ब्रिटिश शासन द्वारा भारतीयों की इस मांग को स्वीकार नही किया गया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अन्र्तराष्ट्रीय शक्तियों के दबाव में तत्कालिक ब्रिटिश प्रधानमंत्री लार्ड एटली ने सन्

 

1945 में भारत की आजादी की घोषणा की तथा क्रिप्स मिशन को भारत भेजा जिसे भारत के सभी राजनैतिक दलों ने अस्वीकार कर दिया। महात्मा गाँधी जी ने क्रिप्स मिशन को Post dated cheque कहा था।

 

संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसम्बर, 1946 को संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष मे हुई। इस बैठक की अध्यक्षता डा0 सच्चिदानन्द सिन्हा जी ने की जो संविधान सभा के अस्थाई अध्यक्ष थे। 11 दिसम्बर, 1946 को डा0 राजेन्द्र प्रसाद जी को संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष चुना गया। मुस्लिम लीग नें संविधान सभा का बहिस्कार किया। पं0 नेहरू जी ने 13 दिसम्बर, 1946 को संविधान सभा में उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिसे 22 जनवरी, 1947 को स्वीकार कर लिया गया। 29 अगस्त, 1947 को प्रारूप समिति का गठन हुआ और डा0 भीमराव अम्बेडकर जी को इसका अध्यक्ष चुना गया।

 

अंत में 1946 ई0 में ब्रिटेन द्वारा कैबिनेट मिशन भारत भेजा गया जिसकेे द्वारा संविधान सभा के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया तथा चुनाव के द्वारा अन्तरिम सरकार का गठन हुआ। 1931 की जनगणना के आधार पर प्रति 10 लाख जनसंख्या पर एक सीट आवंटित की गयी जिसमें कुल 389 सीटें थी, जिसमें 296 सीटें ब्रिटिश भारत के 4 चीफ कमिश्नरी क्षेत्र के तथा 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे, जिसमें 208 सीट पर कांग्रेस, 73 सीट पर मुस्लिम लीग एवं 15 अन्य दलों के प्रत्याशी चुनकर आए थे।